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- Dec 12, 2024
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ही गाइस, कैसे है आप लोग? उमीद तो करता हूँ की मेरी कहानी तक अगर पहुँच गये तो मस्त काम सुख की ही तलाश में होंगे. डॉन’त वरी, मेरी कहानी आप लोग को वो सुख देगी. लड़कियों, आप जो भी पनटी पहनी हो, अंदर हाथ डालकर देखो, कही अभी से ही तो पानी नही आ रहा ना? ज़ाहिर है, मेरी देसी रंडी है रीडर्स तो फ्लॉरल और ब्रेज़ीलियन बिकिनी तो पहनी नही होगी तुम लोग. वही पुरानी ब्लू, रेड, ब्लॅक, वाइट, क्रीम, ग्रीन, पर्पल, रूपा, अमूल, जॉकी, जैसी लोकल चड्डी पहनी होगी, बुत जो कहो सेक्सी तो तुम लोग लगती हो उसमे भी जब वाइट, वाइट तुम लोग का पानी का दाग हम लौंदे टेरॅसस पे जाके देखते हैं और चाट ते हैं, जब तुम कपड़े टेरेस पे देख चली जाती हो.
लौंदे लोग, क्या हाल है, सुनहते हो ना अपनी आंटी, चाची, भाभी, मौसी, कज़िन, सिस की पंटयियँ?? सबसे मज़ा तो तब आता जब ये साली गर्मी या ठंडी में, पूरी स्वेट हो जाती है तो बातरूम में जाके पनटी खोल देती है और नई पहें लेती है. वो खुली हुई पनटी या तो बाल्टी में, या वॉशिंग मशीन में, या फिर गाते के पीछे टंगा होता है. क्या ही मज़ा आता सूंघ सूंघ कर मुत्ह मारने में यार, उफ़फ्फ़! मैं तो मूठ उसमे एक दो बूँद सता भी देता हूँ, ताकि उन्हे भी देखे तो लीक कर ले!! खैर, अपनी कहानी पे आता हूँ मैं.
मैं अपने बारे में तो बताना ही भूल गया. मैं आयुष हूँ, नॉर्मल हाइट और टोंड बॉडी. और एक जैसे 50-इंच का लंड नही है, भी. नॉर्मल सा 5.5-इंच का है. गोरा हूँ, स्मार्ट एकद्ूम!! और जिसको छोड़ा, यूयेसेस लेडी की हाइट मेरे से छ्होटी है, पतली सी सेक्सी फिगर वाली क्यूट; सो एकद्ूम 30 य्र्स अप्रॉक्स की, 32-30-34 टाइप होगी लगभग.
तो थे स्टोरी:
मैं अपने कॉलेज डेज़ में था, देहरादून में पढ़ रहा था. फ्रस्टरेटेड एकद्ूम, बिकॉज़ एक ब्रेकप के कारण, मैने फिर कभी किसी लड़की को नही पसंद किया. करता भी कैसे यार? मुझे मेरी उमर से ज़्यादा बड़ी लॅडीस, आंटी, भाभी पसंद आती थी हमेशा से.
तो हुआ यूउ की कॉलेज के मेरे एक अफीशियल बंदे से मेरी अची दोस्ती हो गयी थी, लीके अची ज़ंती थी हमारी, बिकॉज़ इतने अंजान सिटी में हम दोनो एक ही स्टेट से थे, सो होम्ली वाइब्स आती थी उनसे और उनकी वाइफ से. यार, क्या छाई बनती थी उसकी वाइफ! कई बार ऐसे घर पे भैया बुलाते थे मुझे, नस्टे, डिन्नर वगेरा पे. तो भाभी के हाथ का टेस्ट तो ज़ूबा पे सेट कर गया था. उनका बेटा था एक बहुत छोटा सा. मैं तो उनके घर खाने कम, भाभी से बातें करने ज़्यादा जाता था! बहुत घुल मिल गये थे हम तीनो. भैया भी घर के कामो में हेल्प ले लेते थे मुझसे. भाभी की भी हेल्प करता था घर पे कभी कोई चीज़ थेक तक करने में, असेमबल करने में. तो ट्यूनिंग अची हो गयी थी कुछ ही टाइम में.
फिर एक दिन ऐसा आया की भैया आउट ऑफ स्टेशन जाने लगे, 8 दीनो के लिए अफीशियल काम से. तो उन्होने बोला की, “देख लेना तोरा घर पे भी, अग्र भाभी को मार्केट से कुछ ज़रूरत हुआ तो!” मैं “हन” कह दिया. बोला की, “बेफ़िक्र रहिए भैया आप, मैं हूँ!” उन्हे स्टेशन से सी ऑफ कर दिया! एक दिन ऐसे ही काम से भाभी ने याद किया मुझे. तो मैं चला गया, असल में उनके फोन में कुछ गड़बड़ था इसलिए. तो मैने चेक किया. चेक करते करते मैं क्रोम की डेप्त हिस्टरी में चला गया. नॉर्मली सब लोग हिस्टरी डेलीट कर देते, तो सोचते सब कक्चा चितता उनका गायब. बुत और डेप्त्स में भी हिस्टरी सवे हुआ रहता है, जोकि ईद से खुल जाता! मैने धीरे धीरे उसको ओपन किया भाभी के ईद से, ये बोलके की स्पेस क्लियर कर रहा हूँ. वो देती गयी.
मैने देखा की रीसेंट सर्चस में भैया के जाने के बाद रात के टाइम इसमे देसी पॉर्न देखा गया है, वो भी जिसमे दूसरे मर्दो से बीवी चुड़वाती हैं, और तोरा बहुत नई आचे ख़ासे 30+ वीडियोस देखे गये हैं. मैने फटाफट दाता अपने फोन पे सेंड कर दिया प्रूफ के लिए, ताकि मैं ना फस जौ. फिर सब वैसे ही चोर कर मैने भाभी को फोन दे दिया, डीप क्लीन करके. बोला, “ठीक हो गया फोन भाभी.” उन्होने कहा की, “आ गये हैं तो डिन्नर करके ही जाइए ना.” मैने माना किया. बुत उन्होने रेज़िस्ट किया तो मैं रुक गया. फिर मैने पूछा, “वॉशरूम जाना था भाभी.” तो उन्होने अपने बेडरूम वाला बता दिया. उनका बच्चा टीवी देख रहा था, और वो किचन में डिन्नर प्रेपरेशन.
मैं वॉशरूम गया, तो सबसे पहले लग गया देखे की इसने चड्डी कहाँ रखी है. मुझे पता है, शाम में मॅग्ज़िमम औरतें चड्डी चेंज करती हैं, बिकॉज़ स्वेटी सा हो जाता है, और शयद पानी भी निकल जाता इसलिए तो गीला हो जाता है. मैने बाल्टी देखा, खाली थी, वॉशिंग मशीन भी खाली, मान उदास सा हो गया था. फिर ध्यान से देखा, था गाते के पीछे उनकी निघट्य के पीछे कुछ नज़र आया. अरे साली, चिनार, चुत्पग्ली मेरी, साली ने निघट्य के पीछे छुपाकर रखा था, ब्रा आंड पनटी. पतली एलास्टिक वाला एकद्ूम ब्लॅक कलर का छोटे छोटे वाइट ग्रीन फ्लवर्स वाला पनटी थी, और क्रीम कलर की कप ब्रा. पनटी सूँघा मैने, कसम से जन्नत दिख रहा था, मीठी मीठी छूट की सुगंध, हल्की गीली, और वाइट पानी थोरी सी. मई सारा चाट गया, पूरा, स्वीट सॉल्टी टेस्ट था, मज़ा आगया. तुरंत पाजामा खोला मैने, और लंड पे पनटी रख कर रग़ाद रग़ाद के हिलाने लगा.
इतना उत्तेजित हो गया की 3/4 मिन्स में ही झार गया, और पनटी पे भी तोरा गिरा दिया, और उसको गाते में डाल दिया फिरसे. फिर भाभी ने आवाज़ लगाई, मैने कहा, “आया भाभी.” बुत एक चीज़ मैने नोटीस किया की मैने तो गाते लगाया ही नही था, और पनटी के नशे में मोन भी तोरा किया था मैने, और हिलने का अछा खा सा आवाज़ आता है. मेरी तो गांद ही फटत गयी थी की, “कही भाभी ने देख तो नही लिया ना?”
आयेज क्या हुआ, भाबी ने देखा, मई पांरा गया की मेरी काम उत्तेजना पूरी हुई, नेक्स्ट पार्ट में. थॅंक योउ मेरे रंडिया और रांद्वो!!
लौंदे लोग, क्या हाल है, सुनहते हो ना अपनी आंटी, चाची, भाभी, मौसी, कज़िन, सिस की पंटयियँ?? सबसे मज़ा तो तब आता जब ये साली गर्मी या ठंडी में, पूरी स्वेट हो जाती है तो बातरूम में जाके पनटी खोल देती है और नई पहें लेती है. वो खुली हुई पनटी या तो बाल्टी में, या वॉशिंग मशीन में, या फिर गाते के पीछे टंगा होता है. क्या ही मज़ा आता सूंघ सूंघ कर मुत्ह मारने में यार, उफ़फ्फ़! मैं तो मूठ उसमे एक दो बूँद सता भी देता हूँ, ताकि उन्हे भी देखे तो लीक कर ले!! खैर, अपनी कहानी पे आता हूँ मैं.
मैं अपने बारे में तो बताना ही भूल गया. मैं आयुष हूँ, नॉर्मल हाइट और टोंड बॉडी. और एक जैसे 50-इंच का लंड नही है, भी. नॉर्मल सा 5.5-इंच का है. गोरा हूँ, स्मार्ट एकद्ूम!! और जिसको छोड़ा, यूयेसेस लेडी की हाइट मेरे से छ्होटी है, पतली सी सेक्सी फिगर वाली क्यूट; सो एकद्ूम 30 य्र्स अप्रॉक्स की, 32-30-34 टाइप होगी लगभग.
तो थे स्टोरी:
मैं अपने कॉलेज डेज़ में था, देहरादून में पढ़ रहा था. फ्रस्टरेटेड एकद्ूम, बिकॉज़ एक ब्रेकप के कारण, मैने फिर कभी किसी लड़की को नही पसंद किया. करता भी कैसे यार? मुझे मेरी उमर से ज़्यादा बड़ी लॅडीस, आंटी, भाभी पसंद आती थी हमेशा से.
तो हुआ यूउ की कॉलेज के मेरे एक अफीशियल बंदे से मेरी अची दोस्ती हो गयी थी, लीके अची ज़ंती थी हमारी, बिकॉज़ इतने अंजान सिटी में हम दोनो एक ही स्टेट से थे, सो होम्ली वाइब्स आती थी उनसे और उनकी वाइफ से. यार, क्या छाई बनती थी उसकी वाइफ! कई बार ऐसे घर पे भैया बुलाते थे मुझे, नस्टे, डिन्नर वगेरा पे. तो भाभी के हाथ का टेस्ट तो ज़ूबा पे सेट कर गया था. उनका बेटा था एक बहुत छोटा सा. मैं तो उनके घर खाने कम, भाभी से बातें करने ज़्यादा जाता था! बहुत घुल मिल गये थे हम तीनो. भैया भी घर के कामो में हेल्प ले लेते थे मुझसे. भाभी की भी हेल्प करता था घर पे कभी कोई चीज़ थेक तक करने में, असेमबल करने में. तो ट्यूनिंग अची हो गयी थी कुछ ही टाइम में.
फिर एक दिन ऐसा आया की भैया आउट ऑफ स्टेशन जाने लगे, 8 दीनो के लिए अफीशियल काम से. तो उन्होने बोला की, “देख लेना तोरा घर पे भी, अग्र भाभी को मार्केट से कुछ ज़रूरत हुआ तो!” मैं “हन” कह दिया. बोला की, “बेफ़िक्र रहिए भैया आप, मैं हूँ!” उन्हे स्टेशन से सी ऑफ कर दिया! एक दिन ऐसे ही काम से भाभी ने याद किया मुझे. तो मैं चला गया, असल में उनके फोन में कुछ गड़बड़ था इसलिए. तो मैने चेक किया. चेक करते करते मैं क्रोम की डेप्त हिस्टरी में चला गया. नॉर्मली सब लोग हिस्टरी डेलीट कर देते, तो सोचते सब कक्चा चितता उनका गायब. बुत और डेप्त्स में भी हिस्टरी सवे हुआ रहता है, जोकि ईद से खुल जाता! मैने धीरे धीरे उसको ओपन किया भाभी के ईद से, ये बोलके की स्पेस क्लियर कर रहा हूँ. वो देती गयी.
मैने देखा की रीसेंट सर्चस में भैया के जाने के बाद रात के टाइम इसमे देसी पॉर्न देखा गया है, वो भी जिसमे दूसरे मर्दो से बीवी चुड़वाती हैं, और तोरा बहुत नई आचे ख़ासे 30+ वीडियोस देखे गये हैं. मैने फटाफट दाता अपने फोन पे सेंड कर दिया प्रूफ के लिए, ताकि मैं ना फस जौ. फिर सब वैसे ही चोर कर मैने भाभी को फोन दे दिया, डीप क्लीन करके. बोला, “ठीक हो गया फोन भाभी.” उन्होने कहा की, “आ गये हैं तो डिन्नर करके ही जाइए ना.” मैने माना किया. बुत उन्होने रेज़िस्ट किया तो मैं रुक गया. फिर मैने पूछा, “वॉशरूम जाना था भाभी.” तो उन्होने अपने बेडरूम वाला बता दिया. उनका बच्चा टीवी देख रहा था, और वो किचन में डिन्नर प्रेपरेशन.
मैं वॉशरूम गया, तो सबसे पहले लग गया देखे की इसने चड्डी कहाँ रखी है. मुझे पता है, शाम में मॅग्ज़िमम औरतें चड्डी चेंज करती हैं, बिकॉज़ स्वेटी सा हो जाता है, और शयद पानी भी निकल जाता इसलिए तो गीला हो जाता है. मैने बाल्टी देखा, खाली थी, वॉशिंग मशीन भी खाली, मान उदास सा हो गया था. फिर ध्यान से देखा, था गाते के पीछे उनकी निघट्य के पीछे कुछ नज़र आया. अरे साली, चिनार, चुत्पग्ली मेरी, साली ने निघट्य के पीछे छुपाकर रखा था, ब्रा आंड पनटी. पतली एलास्टिक वाला एकद्ूम ब्लॅक कलर का छोटे छोटे वाइट ग्रीन फ्लवर्स वाला पनटी थी, और क्रीम कलर की कप ब्रा. पनटी सूँघा मैने, कसम से जन्नत दिख रहा था, मीठी मीठी छूट की सुगंध, हल्की गीली, और वाइट पानी थोरी सी. मई सारा चाट गया, पूरा, स्वीट सॉल्टी टेस्ट था, मज़ा आगया. तुरंत पाजामा खोला मैने, और लंड पे पनटी रख कर रग़ाद रग़ाद के हिलाने लगा.
इतना उत्तेजित हो गया की 3/4 मिन्स में ही झार गया, और पनटी पे भी तोरा गिरा दिया, और उसको गाते में डाल दिया फिरसे. फिर भाभी ने आवाज़ लगाई, मैने कहा, “आया भाभी.” बुत एक चीज़ मैने नोटीस किया की मैने तो गाते लगाया ही नही था, और पनटी के नशे में मोन भी तोरा किया था मैने, और हिलने का अछा खा सा आवाज़ आता है. मेरी तो गांद ही फटत गयी थी की, “कही भाभी ने देख तो नही लिया ना?”
आयेज क्या हुआ, भाबी ने देखा, मई पांरा गया की मेरी काम उत्तेजना पूरी हुई, नेक्स्ट पार्ट में. थॅंक योउ मेरे रंडिया और रांद्वो!!