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- Dec 12, 2024
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हेलो दोस्तो, आज की कहानी है फ़ातिमा भाभी की, जो मेरे फ्रेंड की वाइफ है. मेरे दोस्त अब्दुल और उसकी वाइफ फ़ातिमा को देल्ही जाना था, और मुझे भी कुछ काम था देल्ही मे, तो मैने सबकी टिकेट साथ मे करदी.
हुँने काउच बुक किया, 3 लोगो का. अंदर जाते ही हम सबने सीट ली. फ़ातिमा भाभी मेरे और अब्दुल के बीच मे बैठी हुई थी. मैं भाभी से थोड़ी बाते की.
मैं: कैसी है फ़ातिमा भाभी, बोहोट टाइम बाद मिले.
फ़ातिमा भाभी: मैं ठीक हूँ, आप केसे है?
मैं: मैं भी मस्त हूँ. हिजाब मे क्यूट लग रही है आप. (उसके बूब्स डेक्ते हुए बोलता हूँ)
फ़ातिमा भाभी: थॅंक योउ, जे.
कुछ टाइम भाभी वॉशरूम के लिए जाती है. अब्दुल ने कहा की उसे विंडो सीट चाहिए, तो मैं उठ कर उसके जगह चला गया. ट्रेन एक टनेल मे चली गयी, पूरा अंधेरा हो गया था, दीं लाइट मे देख न्ही रहा था बारोबार. और फिर भाभी आकर सीट लेती है. मैं ने सोचा की यह सही चान्स है, तो मैं ने भाभी को किस करने लगा.
मैं (भाभी के टंग के उपर मेरी टंग रग़ाद रग़ाद कर चूस रहा था): उम्म्म्माहहहहहहाः…
फ़ातिमा भाभी: मुुआहहहहा… (किस करने के बाद मेरे कान मे बोली) यह क्या कर रहे हो, अब्दुल? जयेश भागल मे है.
फ़ातिमा भाभी को लगा की अब्दुल किस कर रहा है, तो मैं ने और ज़ोर ज़ोर से किस करना स्टार्ट कर दिया, और साथ मे उनका हाथ मेरे लंड पर रखा. हू मेरा लंड सैला रही थी, और मैं उपर से बेडशीट दल दी कवर करने के लिए.
फ़ातिमा भाभी: आज तो आपका लंड बोहोट बड़ा लग रहा है.
मैं फ़ातिमा भाभी के बूब्स दबा रहा था, और भाभी मेरा लंड सैला रही थी. पर इतने मे टनेल ख़तम हो गयी, और भाभी को शॉक लगा की मैं हूँ, और उन्होने अपना हाथ हट लिया. फिर सब ने लंच किया, ऑक्वर्ड होने की वजह से भाभी मुझसे बात न्ही कर रही थी.
लंच करने के बाद अब्दुल सामने वाली सीट पर सोगआया, और मैं ने भाभी से पूछा, “मेरा फोन पे मोविए देखे, टीमेपस्स होगा.”
फ़ातिमा भाभी: हन, ठीक है.
मैं: यह लो इयरफोन. (इयरफोन देते टाइम उनके शोल्डर पर हाथ रखा, और भाभी ने भी कुछ न्ही बोला)
मोविए देखते देखते सेक्स सीन आता है, और मैं फ़ातिमा के बूब्स दबाता हूँ. वो भी मेरा साथ दे रही थी. मैं फिर उनका हाथ मेरे लंड पर रख देता हूँ.
फ़ातिमा भाभी: उउउफ़फ्फ़ जाआययी, तेरे लंड कितना बड़ा है, मेरे शोहार से भी ज़डा बड़ा.
मैं: अपने मूह मे दल कर और बड़ा करदो ना, फ़ातिमा भाभी.
फ़ातिमा भाभी: अब्दुल सामने सोया है, उठ गया तो?
मैं: कुछ न्ही होगा, मैं हूँ ना. (बोलकर उनका सर पकड़ के मेरे लंड पर लेजता हूँ)
मैं उनके फेस पर मेरा लोड्ा रग़ाद रहा था, ज़ोर ज़ोर से, उनके गाल पर और उनके लिप्स पर मार रहा, और बोला,
मैं: फ़ातिमा भाभी, मूह खोलो………
फ़ातिमा भाभी: आआआआहह.
मैं ज़ोर ज़ोर से भाभी के मूह मे मेरा लंड अंदर बाहर करके टोख रहा था. फ़ातिमा भाभी भी मस्त चूस रही थी. फ़ातिमा भाभी ने उनके शोहार के सामने मेरा नंगा लंड पूरा का पूरा अपने मूह के अंदर घुसाद दिया, और साथ मे मेरे गोते अपने हाथो से सैला रही थी. उूुुउउफफफफ्फ़, मेरा लंड उनके हलाक तक चला गया था.
मैं: उउउफ्फ, भाभी मस्त चूस रही है.
फ़ातिमा भाभी: (मेरा लंड मूह से निकल कर बोली) उउउफ्फ, तेरा लंड मेरे शोहार से ज़डा मस्त है, जे.
मैं: अपनी छूट मे दल दो ना, फ़ातिमा भाभी.
फ़ातिमा भाभी: पागल हो, अब्दुल सामने सोया हुआ है, उठ गया तो.
मैं: तो फिर टाय्लेट मे चलते है.
फ़ातिमा भाभी: ठीक है.
टाय्लेट के अंदर जाते ही मैं ने फ़ातिमा भाभी को डॉगी बनाया, और उनका बुर्क़ा उपर करके उनकी छूट पर मेरा लोड्ा रग़ाद रहा था, ज़ोर ज़ोर से. और फिर एक शॉट एक जटका मार कर, पूरा का पूरा लंड उनकी छूट के अंदर घुसाद दिया.
फ़ातिमा भाभी: उउफ़फ्फ़…….. एक बार मे दल दिया.
मैं: हाँ भाभी, आपकी छूट मस्त टाइट है.
मैं ज़ोर ज़ोर से मेरा लोड्ा उनकी छूट के अंदर बाहर कर रहा था, और साथ मे उनकी बूब्स के निपल्स मसल रहा था हाथो से. और भाभी भी मस्त गंद हिला हिला कर छुड़वा रही थी. पूरे टाय्लेट मे तुऊूप्प्प तुऊप्प्प्प्प की आवास आ रही थी.
मैं: केसा लग रहा है, मेरा लंड फ़ातिमा भाभी?
फ़ातिमा भाभी: उउफ्फ, मस्त है, मेरे शोहार से भी ज़डा मस्त छोड़ रहे हो.
मैं फ़ातिमा भाभी की छूट मार रहा था, और तभी उसका शोहार अब्दुल आगेया, और बातरूम के बाहर नॉक कर रहा था.
अब्दुल: फ़ातिमा, तुम हो क्या अंदर?
यह सुनकर फ़ातिमा भाभी ने मुझे रुकने को बोला, पर मेरा लंड अभी भी उनकी छूट मे था.
फ़ातिमा भाभी: हाँ मैं हूँ अंदर.
अब्दुल: यह जे कहा गया, देख न्ही रहा.
यह सुनकर मुझसे कंट्रोल न्ही हुए, और मैं ने फिर से फ़ातिमा भाभी की छूट मे मेरा लंड मारना स्टार्ट कर दिया, ज़ोर ज़ोर से, उसके शोहार के सामने टोख रहा था, उसकी छूट को रग़ाद रग़ाद के. फ़ातिमा भाभी भी मस्त गंद हिला रही थी.
फ़ातिमा भाभी: आहहह (मोन).
अब्दुल: क्या हुआ, तुम ठीक हो?
फ़ातिमा भाभी: हाँ मैं ठीक हू, पता न्ही जे कहा है.
मैं: मैं तो आपकी छूट मे हू (फ़ातिमा भाभी को बोला मैं).
अब्दुल: यह आवास केसी आ रही है (छोड़ने के वजह से तुऊप्प तुप्प की आवास आ रही थी).
फ़ातिमा भाभी: ट्रेन के पटरी की होगी, मुझे तो कोई आवास न्ही आ रही है.
अब्दुल: ठीक है, जल्दी आओ.
अब्दुल के जाते ही मैं ने फ़ातिमा भाभी को किस किया, उनकी टंग पर मेरी टंग रग़ाद रग़ाद कर चूस रहा था, मैं साथ मे उनकी छूट मे मेरा लोड्ा टोख रहा था, और उनके बूब्स दबा रहा था, सेम टाइम पर.
फ़ातिमा भाभी: उूउउफ़फ्फ़, बोहोट माज़ा आरहा है, जययययी.
मैं: मुझे भी आपकी छूट मस्त टाइट है, भाभी.
फ़ातिमा भाभी: मेरा पानी निकल रहा है.
फ़ातिमा भाभी का पानी मेरे लंड पर निकल रहा था, और फिर मैं ने 10 मीं तक उनकी छूट मार कर, मेरा पानी उनकी छूट के अंदर दल दिया. फिर हम ने खुद को सॉफ करके सीट पर गई सोने के लिए.
हुँने काउच बुक किया, 3 लोगो का. अंदर जाते ही हम सबने सीट ली. फ़ातिमा भाभी मेरे और अब्दुल के बीच मे बैठी हुई थी. मैं भाभी से थोड़ी बाते की.
मैं: कैसी है फ़ातिमा भाभी, बोहोट टाइम बाद मिले.
फ़ातिमा भाभी: मैं ठीक हूँ, आप केसे है?
मैं: मैं भी मस्त हूँ. हिजाब मे क्यूट लग रही है आप. (उसके बूब्स डेक्ते हुए बोलता हूँ)
फ़ातिमा भाभी: थॅंक योउ, जे.
कुछ टाइम भाभी वॉशरूम के लिए जाती है. अब्दुल ने कहा की उसे विंडो सीट चाहिए, तो मैं उठ कर उसके जगह चला गया. ट्रेन एक टनेल मे चली गयी, पूरा अंधेरा हो गया था, दीं लाइट मे देख न्ही रहा था बारोबार. और फिर भाभी आकर सीट लेती है. मैं ने सोचा की यह सही चान्स है, तो मैं ने भाभी को किस करने लगा.
मैं (भाभी के टंग के उपर मेरी टंग रग़ाद रग़ाद कर चूस रहा था): उम्म्म्माहहहहहहाः…
फ़ातिमा भाभी: मुुआहहहहा… (किस करने के बाद मेरे कान मे बोली) यह क्या कर रहे हो, अब्दुल? जयेश भागल मे है.
फ़ातिमा भाभी को लगा की अब्दुल किस कर रहा है, तो मैं ने और ज़ोर ज़ोर से किस करना स्टार्ट कर दिया, और साथ मे उनका हाथ मेरे लंड पर रखा. हू मेरा लंड सैला रही थी, और मैं उपर से बेडशीट दल दी कवर करने के लिए.
फ़ातिमा भाभी: आज तो आपका लंड बोहोट बड़ा लग रहा है.
मैं फ़ातिमा भाभी के बूब्स दबा रहा था, और भाभी मेरा लंड सैला रही थी. पर इतने मे टनेल ख़तम हो गयी, और भाभी को शॉक लगा की मैं हूँ, और उन्होने अपना हाथ हट लिया. फिर सब ने लंच किया, ऑक्वर्ड होने की वजह से भाभी मुझसे बात न्ही कर रही थी.
लंच करने के बाद अब्दुल सामने वाली सीट पर सोगआया, और मैं ने भाभी से पूछा, “मेरा फोन पे मोविए देखे, टीमेपस्स होगा.”
फ़ातिमा भाभी: हन, ठीक है.
मैं: यह लो इयरफोन. (इयरफोन देते टाइम उनके शोल्डर पर हाथ रखा, और भाभी ने भी कुछ न्ही बोला)
मोविए देखते देखते सेक्स सीन आता है, और मैं फ़ातिमा के बूब्स दबाता हूँ. वो भी मेरा साथ दे रही थी. मैं फिर उनका हाथ मेरे लंड पर रख देता हूँ.
फ़ातिमा भाभी: उउउफ़फ्फ़ जाआययी, तेरे लंड कितना बड़ा है, मेरे शोहार से भी ज़डा बड़ा.
मैं: अपने मूह मे दल कर और बड़ा करदो ना, फ़ातिमा भाभी.
फ़ातिमा भाभी: अब्दुल सामने सोया है, उठ गया तो?
मैं: कुछ न्ही होगा, मैं हूँ ना. (बोलकर उनका सर पकड़ के मेरे लंड पर लेजता हूँ)
मैं उनके फेस पर मेरा लोड्ा रग़ाद रहा था, ज़ोर ज़ोर से, उनके गाल पर और उनके लिप्स पर मार रहा, और बोला,
मैं: फ़ातिमा भाभी, मूह खोलो………
फ़ातिमा भाभी: आआआआहह.
मैं ज़ोर ज़ोर से भाभी के मूह मे मेरा लंड अंदर बाहर करके टोख रहा था. फ़ातिमा भाभी भी मस्त चूस रही थी. फ़ातिमा भाभी ने उनके शोहार के सामने मेरा नंगा लंड पूरा का पूरा अपने मूह के अंदर घुसाद दिया, और साथ मे मेरे गोते अपने हाथो से सैला रही थी. उूुुउउफफफफ्फ़, मेरा लंड उनके हलाक तक चला गया था.
मैं: उउउफ्फ, भाभी मस्त चूस रही है.
फ़ातिमा भाभी: (मेरा लंड मूह से निकल कर बोली) उउउफ्फ, तेरा लंड मेरे शोहार से ज़डा मस्त है, जे.
मैं: अपनी छूट मे दल दो ना, फ़ातिमा भाभी.
फ़ातिमा भाभी: पागल हो, अब्दुल सामने सोया हुआ है, उठ गया तो.
मैं: तो फिर टाय्लेट मे चलते है.
फ़ातिमा भाभी: ठीक है.
टाय्लेट के अंदर जाते ही मैं ने फ़ातिमा भाभी को डॉगी बनाया, और उनका बुर्क़ा उपर करके उनकी छूट पर मेरा लोड्ा रग़ाद रहा था, ज़ोर ज़ोर से. और फिर एक शॉट एक जटका मार कर, पूरा का पूरा लंड उनकी छूट के अंदर घुसाद दिया.
फ़ातिमा भाभी: उउफ़फ्फ़…….. एक बार मे दल दिया.
मैं: हाँ भाभी, आपकी छूट मस्त टाइट है.
मैं ज़ोर ज़ोर से मेरा लोड्ा उनकी छूट के अंदर बाहर कर रहा था, और साथ मे उनकी बूब्स के निपल्स मसल रहा था हाथो से. और भाभी भी मस्त गंद हिला हिला कर छुड़वा रही थी. पूरे टाय्लेट मे तुऊूप्प्प तुऊप्प्प्प्प की आवास आ रही थी.
मैं: केसा लग रहा है, मेरा लंड फ़ातिमा भाभी?
फ़ातिमा भाभी: उउफ्फ, मस्त है, मेरे शोहार से भी ज़डा मस्त छोड़ रहे हो.
मैं फ़ातिमा भाभी की छूट मार रहा था, और तभी उसका शोहार अब्दुल आगेया, और बातरूम के बाहर नॉक कर रहा था.
अब्दुल: फ़ातिमा, तुम हो क्या अंदर?
यह सुनकर फ़ातिमा भाभी ने मुझे रुकने को बोला, पर मेरा लंड अभी भी उनकी छूट मे था.
फ़ातिमा भाभी: हाँ मैं हूँ अंदर.
अब्दुल: यह जे कहा गया, देख न्ही रहा.
यह सुनकर मुझसे कंट्रोल न्ही हुए, और मैं ने फिर से फ़ातिमा भाभी की छूट मे मेरा लंड मारना स्टार्ट कर दिया, ज़ोर ज़ोर से, उसके शोहार के सामने टोख रहा था, उसकी छूट को रग़ाद रग़ाद के. फ़ातिमा भाभी भी मस्त गंद हिला रही थी.
फ़ातिमा भाभी: आहहह (मोन).
अब्दुल: क्या हुआ, तुम ठीक हो?
फ़ातिमा भाभी: हाँ मैं ठीक हू, पता न्ही जे कहा है.
मैं: मैं तो आपकी छूट मे हू (फ़ातिमा भाभी को बोला मैं).
अब्दुल: यह आवास केसी आ रही है (छोड़ने के वजह से तुऊप्प तुप्प की आवास आ रही थी).
फ़ातिमा भाभी: ट्रेन के पटरी की होगी, मुझे तो कोई आवास न्ही आ रही है.
अब्दुल: ठीक है, जल्दी आओ.
अब्दुल के जाते ही मैं ने फ़ातिमा भाभी को किस किया, उनकी टंग पर मेरी टंग रग़ाद रग़ाद कर चूस रहा था, मैं साथ मे उनकी छूट मे मेरा लोड्ा टोख रहा था, और उनके बूब्स दबा रहा था, सेम टाइम पर.
फ़ातिमा भाभी: उूउउफ़फ्फ़, बोहोट माज़ा आरहा है, जययययी.
मैं: मुझे भी आपकी छूट मस्त टाइट है, भाभी.
फ़ातिमा भाभी: मेरा पानी निकल रहा है.
फ़ातिमा भाभी का पानी मेरे लंड पर निकल रहा था, और फिर मैं ने 10 मीं तक उनकी छूट मार कर, मेरा पानी उनकी छूट के अंदर दल दिया. फिर हम ने खुद को सॉफ करके सीट पर गई सोने के लिए.