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- Dec 12, 2024
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मैरा नाम मॉनिका है. मई मास्टर्स क लिए डू गयी थी जहा मेरी मुलाकात कुलदीप से हुई. वेसए तो मैं लोंग-डिस्टेन्स रिलेशन्षिप मैं थी जब मेरे साथ कुछ ऐसा हुआ.
मैं अपनी बाय्फ्रेंड से बोहोट प्यार करती हूँ. मेरी फ्रेंड कुलदीप और मैं हुमेशा अपनी बाय्फ्रेंड क बारे मैं बात करती हूँ. हम दोनो काफ़ी अकचे दोस्त है.
एक दिन एक एंट्रेन्स एग्ज़ॅम क लिए हम दोनो क एक साथ एक दूसरे सहेर जाना परा; दोनोका सेंटर अलग अलग था पर सिटी एक थी.
हम दोनो ने डीसीदे किया हम एक ही होटेल मे ठहरेंगे. एग्ज़ॅम ख़तम कर क हम दोनो एक हुए और एक होटेल पे रुकने गये.
वाहा पे हम दोनोने एक ही कमरा लिया. हम अकचे दोस्त थे तो मुझे व की अतराज़ नही था. हम दोनो रत को डिन्नर कर क बात करने लगे.
कुलदीप क लिए मेरे दिल मे एक सॉफ्ट कॉर्नर था, उसके दिल मे व मेरे लिए. इसी बात को मैने बा ज़ीजक उसके सामने उस रात रख दया और कहा, “दो योउ वाना फक मे? ई वाना फील योउ कुलदीप.”
ये सुनके कुलदीप क डिक खड़े होने लगे और एक जटके मैं उसने मुझे बहो मे लेके मुझे धीरे धीरे किस करने लगे. वो बोहोट गरम था, उसका जीव मेरे सुखी होतो को विगो रहा था.
उसने धीरे धीरे मेरे छूट क हाथ से कपड़ो क उपर से ही रग़ाद रहा था. लगता है वो सेक्स मे काफ़ी माहिर है की लड़कीो को केसे संभाला जाए. वो मेरे होतो को काट रहा था, कानो को जीव से घुमा रहा था.
और नज़ाने कब उसने काओदो क अंदर हाथ दल क मेरे छूट को उंगली करने लगा, मैं पानी छोड़ रही थी. और कुलदीप की लंड को जात से रग़ाद रही थी.
मैने कुलदीप को नंगा कर डाइ और उसके उपर चाड क खुधकी कपड़े उतार क नंगी हो गयइ. कुलदीप मुझे ज़ोर से घुमा क मेरे बड़े बड़े 34-साइज़ क दूध अपने मूह पे ले क उसे सुने लगा. और खिच खिच क निचोर्ने लगा.
मुझे रहा नही जा रहा था और बोला, “कुलदीप, और ना तड़पाव. फक मे!”
कुलदीप ने मुझे खिच क उठा या और पच रहे एक टेबल पे बिता क मेरे छूट पे अपना बड़ा सा लंड रक्खा. उसका लंड छोटा था पेर मेरे बाय्फ्रेंड से काफ़ी मोटा.
उसका लंड मेरे अंडर घुस नही रहा था तो उसने तोड़ा थूक लगा क मुझे किस काइया और एक जोड़ का जटका दया. मेरी तो जान निकल गयइ थी पेर मूह पेर ही आवाज़ डब क रह गयी पेर मुझे इतना अक्चा लगा वो दर्द.
मैने कहा, “मुझे छोड़ो, कुलदीप… छोड़ो मुझे….”
कुलदीप ने मुझे जोड़ जोड़ से छोड़ने लगा. इतना दर्द हुआ की मेरी मुहसे “आ… आ… आ…” की आवाज़ पूरे रूम पे गूँज उठी. और छोड़ने की “ताप… ताप…” आवाज़ से पूरा रूम गूँज उठा.
इतने मे मैने पानी छोड़ा और कुलदीप हंस दिया. फिर मुझे बिस्तर पे घोड़ी बना क पीछे से छोड़ने लगा. मुझे अक्चा लग रहा था.
इतने मैं कुलदीप ने बोला, “क्या करना है?”
मैने बोला, “करते रहो.”
कुलदीप ने मुझे और 10 मिनिट छोड़ा. इस बार दोनो एक साथ झाड़ गये. फिर उसने अपना लंड निकाला. मैने उसे साफ किया मूह से छत क. कुलदीप मुझे खिच क किस करने लगा.
मुझे उसने काट काट क स्रो तरफ लाल कर दया था. फिर मैं सो गयी.
करीब रत को 12 बजाह. वो बाहर गया दरवाज़ा बाहरसे लॉक कर क. मैने आहत सुनी, लगा वोही होगा. मैं उठ क बातरूम गयी और खुध को साफ किया.
मैने अपने पीछे किसिका हाथ महसूस किया जो मेरे आगे पीछे मेरे गंद को दबा रहा था.
मुझे अक्चा लगा. मैने “आ… आ…” की आवाज़े निकाला तो मेरे सर को दबा क मुझे आगे की और झुका दया. और मेरे गंद पे एक लंड घुसा दया. मैने काई बार अपनी गंद मरवाई हे तो लंड आसनिसे घुस गया.
लंड का अहसास मुझे बोहोट अक्चा लग रहा था मुझे; ज़ोर ज़ोर से झटका दे रहा था. मेरी चुतसे मेरी पानी बाहर हो रही थी.
तभी कुलदीप दरवाज़ा खोल क बातरूम पे आया. मुझे लगा, “ये सब क्या हो रहा है?” और उसने मुझे उठा क अपना लंड मेरे छूट पे दल दया.
मैं बीच पे थी और कुछ समझ नही आ रहा था. फिर दोनो मुझे उसी पोज़िशन पे बाहर ले क आया और मुझे हवा मे उछाल उछाल क छोड़ने लगे. मुझे मज़ा तो बोहोट आ रहा था. मेरी छूट से नदी की तरह पानी निकल रही थी.
फिर दोनोने मुझे बिस्तर पे फेक दया. फिर मैने देखा एक सुंदर सा लड़का जो की होटेल स्टाफ की है और कुलदीप की फ्रेंड व मेरे सामने मुझे लंड दिखा क खड़ा है.
मैने उसका लंड मूह मे ले लिया; बोहोट गंदा लग रहा था. पर उसने मुझे पकड़ क मेरे मूह को छोड़ने लगा. उधर कुलदीप मुझे छोड़ रहा था.
मुझे सॅंडविच बनना बोहोट पसंद आया. तो मैने उठ क कुलदीप क उपर चॅड गयइ और गंद मटक क उस लड़के को छिड़ने लगा.
तो उसने एक चटा मार क फिर से मेरी गंद मरने लगा. मैने जोड़ जोड़ से चिल्ला क बोला, “छोड़ो कुलदीप, मुझे छोड़ो… मुझे फाड़ दो आज.”
ये सुन क दो मुझे छोड़ रहे थे. करीब 1 घंटे तक दोनो मुझे छोड़े जा रहे थे. फिर मुझे बिस्तर पे लेता क एक का लंड मेरे मूह पे और दूसरा मुझे छत रहा था. फिर हम तीनो सो गये.
फिर सुबह को मैने देखा रात वाला लड़का जा सुका था. कुलदीप ने सुबह उठ क एक दिन क लिए रूम फिरसे ले लिया था. फिर दोनो नहा धो क फिरसे बात करने लगे.
फिर बात करते करते कुलदीप मुझे किस करने लगा. और खुधका लंड बाहर निकल क मुझे उसके उपेर बैठ ने को कहा. मैने वेसा ही किया.
उसने बोला, “मैं अपनी गर्लफ्रेंड से बोहोट प्यार करती हूँ. पेर तुमको व साथ रखना चाहता हूँ.” ये सब सुनके मुझे जलन हो रहा था. फिर व मैने उसे ज़ोर से उसके होतो को खिच क कहा, “ई हटे युवर गर्लफ्रेंड,” और उकचलने लगी.
वो मुझे किस कर रहा था और मेरे बूब्स को दबा रहा था. मैं इतनी मस्त हुए जा रही थी की मैने कहा, “ई लोवे योउ, कुलदीप. ई लोवे योउ. फक मे! फक मे, हार्डर! अया… आ… आ…”
मैं झाड़ गयी थी. मेरी पानी मेरी जाँघो से नीचे आ रही थी “ताप… ताप…” की आवाज़े कर के. कुलदीप मुझे ज़ोर ज़ोर से छोड़े जा रहा था. मैने कहा, “कुलदीप, उंगली डालो ना…” फिर उसने मेरी गंद मे उंगली डाला. इतना मज़ा मुझे कवि नही आया था.
मैं अपनी बाय्फ्रेंड से बोहोट प्यार करती हूँ. मेरी फ्रेंड कुलदीप और मैं हुमेशा अपनी बाय्फ्रेंड क बारे मैं बात करती हूँ. हम दोनो काफ़ी अकचे दोस्त है.
एक दिन एक एंट्रेन्स एग्ज़ॅम क लिए हम दोनो क एक साथ एक दूसरे सहेर जाना परा; दोनोका सेंटर अलग अलग था पर सिटी एक थी.
हम दोनो ने डीसीदे किया हम एक ही होटेल मे ठहरेंगे. एग्ज़ॅम ख़तम कर क हम दोनो एक हुए और एक होटेल पे रुकने गये.
वाहा पे हम दोनोने एक ही कमरा लिया. हम अकचे दोस्त थे तो मुझे व की अतराज़ नही था. हम दोनो रत को डिन्नर कर क बात करने लगे.
कुलदीप क लिए मेरे दिल मे एक सॉफ्ट कॉर्नर था, उसके दिल मे व मेरे लिए. इसी बात को मैने बा ज़ीजक उसके सामने उस रात रख दया और कहा, “दो योउ वाना फक मे? ई वाना फील योउ कुलदीप.”
ये सुनके कुलदीप क डिक खड़े होने लगे और एक जटके मैं उसने मुझे बहो मे लेके मुझे धीरे धीरे किस करने लगे. वो बोहोट गरम था, उसका जीव मेरे सुखी होतो को विगो रहा था.
उसने धीरे धीरे मेरे छूट क हाथ से कपड़ो क उपर से ही रग़ाद रहा था. लगता है वो सेक्स मे काफ़ी माहिर है की लड़कीो को केसे संभाला जाए. वो मेरे होतो को काट रहा था, कानो को जीव से घुमा रहा था.
और नज़ाने कब उसने काओदो क अंदर हाथ दल क मेरे छूट को उंगली करने लगा, मैं पानी छोड़ रही थी. और कुलदीप की लंड को जात से रग़ाद रही थी.
मैने कुलदीप को नंगा कर डाइ और उसके उपर चाड क खुधकी कपड़े उतार क नंगी हो गयइ. कुलदीप मुझे ज़ोर से घुमा क मेरे बड़े बड़े 34-साइज़ क दूध अपने मूह पे ले क उसे सुने लगा. और खिच खिच क निचोर्ने लगा.
मुझे रहा नही जा रहा था और बोला, “कुलदीप, और ना तड़पाव. फक मे!”
कुलदीप ने मुझे खिच क उठा या और पच रहे एक टेबल पे बिता क मेरे छूट पे अपना बड़ा सा लंड रक्खा. उसका लंड छोटा था पेर मेरे बाय्फ्रेंड से काफ़ी मोटा.
उसका लंड मेरे अंडर घुस नही रहा था तो उसने तोड़ा थूक लगा क मुझे किस काइया और एक जोड़ का जटका दया. मेरी तो जान निकल गयइ थी पेर मूह पेर ही आवाज़ डब क रह गयी पेर मुझे इतना अक्चा लगा वो दर्द.
मैने कहा, “मुझे छोड़ो, कुलदीप… छोड़ो मुझे….”
कुलदीप ने मुझे जोड़ जोड़ से छोड़ने लगा. इतना दर्द हुआ की मेरी मुहसे “आ… आ… आ…” की आवाज़ पूरे रूम पे गूँज उठी. और छोड़ने की “ताप… ताप…” आवाज़ से पूरा रूम गूँज उठा.
इतने मे मैने पानी छोड़ा और कुलदीप हंस दिया. फिर मुझे बिस्तर पे घोड़ी बना क पीछे से छोड़ने लगा. मुझे अक्चा लग रहा था.
इतने मैं कुलदीप ने बोला, “क्या करना है?”
मैने बोला, “करते रहो.”
कुलदीप ने मुझे और 10 मिनिट छोड़ा. इस बार दोनो एक साथ झाड़ गये. फिर उसने अपना लंड निकाला. मैने उसे साफ किया मूह से छत क. कुलदीप मुझे खिच क किस करने लगा.
मुझे उसने काट काट क स्रो तरफ लाल कर दया था. फिर मैं सो गयी.
करीब रत को 12 बजाह. वो बाहर गया दरवाज़ा बाहरसे लॉक कर क. मैने आहत सुनी, लगा वोही होगा. मैं उठ क बातरूम गयी और खुध को साफ किया.
मैने अपने पीछे किसिका हाथ महसूस किया जो मेरे आगे पीछे मेरे गंद को दबा रहा था.
मुझे अक्चा लगा. मैने “आ… आ…” की आवाज़े निकाला तो मेरे सर को दबा क मुझे आगे की और झुका दया. और मेरे गंद पे एक लंड घुसा दया. मैने काई बार अपनी गंद मरवाई हे तो लंड आसनिसे घुस गया.
लंड का अहसास मुझे बोहोट अक्चा लग रहा था मुझे; ज़ोर ज़ोर से झटका दे रहा था. मेरी चुतसे मेरी पानी बाहर हो रही थी.
तभी कुलदीप दरवाज़ा खोल क बातरूम पे आया. मुझे लगा, “ये सब क्या हो रहा है?” और उसने मुझे उठा क अपना लंड मेरे छूट पे दल दया.
मैं बीच पे थी और कुछ समझ नही आ रहा था. फिर दोनो मुझे उसी पोज़िशन पे बाहर ले क आया और मुझे हवा मे उछाल उछाल क छोड़ने लगे. मुझे मज़ा तो बोहोट आ रहा था. मेरी छूट से नदी की तरह पानी निकल रही थी.
फिर दोनोने मुझे बिस्तर पे फेक दया. फिर मैने देखा एक सुंदर सा लड़का जो की होटेल स्टाफ की है और कुलदीप की फ्रेंड व मेरे सामने मुझे लंड दिखा क खड़ा है.
मैने उसका लंड मूह मे ले लिया; बोहोट गंदा लग रहा था. पर उसने मुझे पकड़ क मेरे मूह को छोड़ने लगा. उधर कुलदीप मुझे छोड़ रहा था.
मुझे सॅंडविच बनना बोहोट पसंद आया. तो मैने उठ क कुलदीप क उपर चॅड गयइ और गंद मटक क उस लड़के को छिड़ने लगा.
तो उसने एक चटा मार क फिर से मेरी गंद मरने लगा. मैने जोड़ जोड़ से चिल्ला क बोला, “छोड़ो कुलदीप, मुझे छोड़ो… मुझे फाड़ दो आज.”
ये सुन क दो मुझे छोड़ रहे थे. करीब 1 घंटे तक दोनो मुझे छोड़े जा रहे थे. फिर मुझे बिस्तर पे लेता क एक का लंड मेरे मूह पे और दूसरा मुझे छत रहा था. फिर हम तीनो सो गये.
फिर सुबह को मैने देखा रात वाला लड़का जा सुका था. कुलदीप ने सुबह उठ क एक दिन क लिए रूम फिरसे ले लिया था. फिर दोनो नहा धो क फिरसे बात करने लगे.
फिर बात करते करते कुलदीप मुझे किस करने लगा. और खुधका लंड बाहर निकल क मुझे उसके उपेर बैठ ने को कहा. मैने वेसा ही किया.
उसने बोला, “मैं अपनी गर्लफ्रेंड से बोहोट प्यार करती हूँ. पेर तुमको व साथ रखना चाहता हूँ.” ये सब सुनके मुझे जलन हो रहा था. फिर व मैने उसे ज़ोर से उसके होतो को खिच क कहा, “ई हटे युवर गर्लफ्रेंड,” और उकचलने लगी.
वो मुझे किस कर रहा था और मेरे बूब्स को दबा रहा था. मैं इतनी मस्त हुए जा रही थी की मैने कहा, “ई लोवे योउ, कुलदीप. ई लोवे योउ. फक मे! फक मे, हार्डर! अया… आ… आ…”
मैं झाड़ गयी थी. मेरी पानी मेरी जाँघो से नीचे आ रही थी “ताप… ताप…” की आवाज़े कर के. कुलदीप मुझे ज़ोर ज़ोर से छोड़े जा रहा था. मैने कहा, “कुलदीप, उंगली डालो ना…” फिर उसने मेरी गंद मे उंगली डाला. इतना मज़ा मुझे कवि नही आया था.